Welcome to Shree Narheji Mahavidyalaya
Approved by Jannayak Chandrashekhar Vishwavidyalaya, Ballia
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श्री नरहेजी महाविद्यालय, नरहीं, रसड़ा, बलिया शैक्षिक व्यवस्था एवं गरिमामयी संचालन हेतु इस ग्रामीणाअंचल एवं अति पिछड़े क्षेत्र के शैक्षिक उन्नयन के विकास मे जन-जन की सहभागिता आपेक्षित है। गंगा-सरयू के मध्य सुरम्य क्षेत्र में स्थित ज्ञान के धनी प्रदेश के अन्तिम छोर पर होने के कारण उपेक्षित इस धरती ने सर्वदा ऐसे सपूतों को जन्म दिया है, जो बाधाओं की चिन्ता किये बिना स्वयं पर अटूट विश्वास रख सदा उस पथ पर अग्रसर होते रहने का भागीरथ संकल्प लेकर बढ़ते जाते हैं। जिसके छोर पर ज्ञान का प्रकाश पुंज उनकी राह देख रहा होता है। अपने बहुमुखी विकास के क्रम में इसने शिक्षा के क्षेत्र में अपना एक महती स्थान बनाया है। बलिया बलिदानी मंगल पाण्डेय, चितू पाण्डेय की धरती है तथा मेघा के धनी मूर्धन्य विद्वानों की एक लम्बी परम्परा आदि कवि वाल्मिकी से यहाँ आज तक जुड़ी हैं। जिसके डा० गणेषी, आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी, आचार्य परशुराम चतुर्वेदी, डा० भगवतशरण उपाध्याय, आचार्य बलदेव उपाध्याय, प्रभृति विद्वान सदा से इसके गौरव स्तम्भ बने रहे। श्री नरहेजी महाविद्यालय एवं माध्यमिक विद्यालय महासमिति, महाविद्यालय नरहीं, रसड़ा, बलिया जिसकी स्थापना नरहीं परिवार के लोगों के द्वारा 19 अगस्त 1952 ई. में की गयी थी। बलिया बलिदान दिवस के पावन पर्व के अवसर पर सर्वप्रथम कक्षा 1 से 5 तक की अजनाम नरहेजी प्राइमरी विद्यालय की जिला परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त की गयी। तत्पश्चात सन 1958 में नरहेजी जू० हाई स्कूल, 1961 में हाईस्कूल कला वर्ग, 1956 में हाईस्कूल कृषि, वर्ष 1980 में इण्टर कला वर्ग, 1982 में हाई स्कूल विज्ञान वर्ग, 1991 में इण्टर विज्ञान वर्ग से जोड़ा गया साथ ही 1991 में स्नातक कला संकाय की स्थापना की गयी । इसी क्रम में वर्ष 1995 में बी०पी०एड० की मान्यता प्राप्त किया। वर्ष 1996 से स्नातक विज्ञान संकाय के अंतर्गत भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, गणित, वनस्पति विज्ञान, जन्तु विज्ञान, सैन्य विज्ञान एवं कम्प्यूटर विज्ञान, वर्ष 2003 से शिक्षाशास्त्र एवं मनोविज्ञान वर्ष 1999 से बी०एड०, पत्रकारिता की सम्बद्धता प्राप्त की गई, वर्ष 2004 से वाणिज्य संकाय की सम्बद्धता प्राप्त की गई तथा स्नातकोत्तर स्तर पर प्राचीन इतिहास, समाजशास्त्र, हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, भूगोल, गृहविज्ञान, एवं राजनीतिशास्त्र विषयों की सम्बद्धता संदर्भित है।
स्थित श्री नरहेजी महाविद्यालय, नरहीं, रसड़ा, बलिया से 42 किमी. पर बलिया-पचखोरा-रतसर-नगरा मार्ग पर स्थित है। विस्तृत एवं भव्य भवन दूर से ही महाविद्यालय की भव्यता का आभास कराते हैं। महाविद्यालय का वातावरण पुर्णतः आध्यात्तमिक है। नरहीं में स्थित माँ नरहेजी देवी का विशाल मन्दिर शक्ति, ज्ञान, उपासना एवं कर्म का उद्घोश करता है । प्रकृति के सुरम्य अंचल में स्थित यह महाविद्यालय अपनी अध्यात्मिकता के कारण पठन-पाठन की दिशा में शिक्षक एवं शिक्षार्थी चेतना सभन्वित कर्तव्य का बोध करता रहता है।
शारीरिक शिक्षा परिषद - शारीरिक शिक्षा के सर्वांगीण विकास हेतु सन 1995 में इस विभाग की स्थापना की गयी । इसके तत्वाधान में प्रतिवर्ष निबन्ध प्रतियोगिता एवं वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है । शारीरिक शिक्षा का उद्देश्य युवाओं को सतत् शारीरिक शिक्षा विभाग की मुख्य धारा में भागीदार बनाना एवं उनको प्रशिक्षण देना शारीरिक शिक्षा विभाग के क्षेत्र में छात्रों को आधुनिकतम् ज्ञान कराने हेतु इस परिषद के अर्न्तगत विषय वस्तु विशेषज्ञ, व्याख्या देते आ रहे है ।
यह महाविद्यालय, जन नायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय, बलिया का सहयुक्त महाविद्यालय है इसमें कला संकाय में B.A (स्नातक, त्रिवर्षीय पाठ्क्रम), विज्ञान संकाय में B.SC. (स्नातक त्रिवर्षीय पाठ्क्रम), एवं वाणिज्य संकाय में B.Com (स्नातक, त्रिवर्षीय पाठ्क्रम), शिक्षा संकाय मे B.Ed. तथा B.P.Ed. (सह शिक्षा) की स्थाई मान्यता प्राप्त है तथा कक्षाएं सुचारु रुप से चल रही हैं। प्रवेश प्रक्रिया प्रारम्भ है। महाविद्यालय में B.A., B.Sc. एवं B.Com. कक्षाओं में पढ़ाये जाने वाले विषयों का विवरण निम्नवत है। छात्र/छात्राओं से अपेक्षा की जाती है कि विषयों का चयन सोच समझ कर करें। जबकि B.Ed. में प्रवेश राज्य सरकार / विश्वविद्यालय के नियमों से प्रवेश परीक्षा एवं काउन्सिलिंग के द्वारा ही की जाती है। बी०एड० में 100 सीटें एवं बी.पी.एड. मे 100 सीटें उपलब्ध है।